रूबरू है ज़िन्दगी
रूबरू है ज़िन्दगी
हर रंग से
परचंग से
करीब है यह बंधगी
हर मेहफ़िल के ढंग से
इस मेहफ़िल के
जज़्बातोँ से
और हमारी
और तुम्हारी
छोटी छोटी बातों से….
इस दिल को ना दिल्लगी
ना परवाह तेरे इश्क़ की
बस रूह मेरी तड़प रही
कुछ कर दिखाने वक़्त के करीब
बेकाबू सा हो रहा
यह वक़्त इन् हालातों में
रूबरू है ज़िन्दी
इस वक़्त के
हालातों से
तेरी मेरी बातों से
उन बीती कुछ यादों से।
रूबरू है ज़िन्दगी : ज़िदगी का हर एक पेहलु कुछ नया सिखा कर ही जाता है। हमें बताता है की आखिर ज़िंदगी है क्या ? कितने अजीब और अश्चार्यजनक पहलुओं से घिरे हुए है हम। हर किसी का कोई मकसद होता है जिसको पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है। रूबरू : ज़िंदगी को अपने ढंग और अपने रंग में जीना ही असल में ज़िंदगी है।
किसी के लिए उसकी माँ है तो किसी के लिए उसकी पत्नी पर सबसे ऊपर सिर्फ एक है और वो है हम। खुद से प्यार करना ही ज़िंदगी का पहला मक़सद होना चाहिए अगर यह सीख लिया तो मानों जन्नत हासिल हो गयी। एक बार खुदसे प्यार करके देखो असली ख़ुशी क्या होती है उसको महसूस नहीं करना पड़ेगा वो स्वयं ही समझ आ जाएगी।
Nothing is complicated it’s us who make things complicated in our life. Life is full of colors and colors are meant to be spread around and spread happiness around. Become someone’s color of happiness and make their life beautiful.
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